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Concussion Substitute in Cricket- क्या होता है कनकशन सब्स्टीट्यूट?

Concussion Substitute in Cricket- क्या होता है कन्कशन, कैसे काम करते हैं इसके नियम?1 अगस्त 2019 से आईसीसी ने इस नए नियम को लागू किया था। इस नियम के तहत खिलाड़ी के चोटिल होने या बीमार होने पर उसकी जगह नए प्लेइंग 11 से बाहर के प्लेयर को प्लेइंग 11 में शामिल किया जाएगा। इसी स्थिति में उसे कनकशन सब्स्टीट्यूट कहा जाएगा।

Concussion Substitute in Cricket- क्या होता है कनकशन सब्स्टीट्यूट?

Concussion Substitute in Cricket- क्या होता है कन्कशन, कैसे काम करते हैं इसके नियम?


1 अगस्त 2019 से आईसीसी ने इस नए नियम को लागू किया था। इस नियम के तहत खिलाड़ी के चोटिल होने या बीमार होने पर उसकी जगह नए प्लेइंग 11 से बाहर के प्लेर को प्लेइंग 11 में शामिल किया जाएगा। इसी स्थिति में उसे कनकशन सब्स्टीट्यूट कहा जाएगा।

Concussion substitutes would allow medics to remove a player from the field and assess their situation in the dressing room for up to 15 minutes. In this situation, a substitute would replace the injured player who would be under the supervision of physios before potentially returning if deemed okay to continue

पहली बार ये 2019 में एशेज सीरीज में लागू हुआ था। आपको बता दें कि इसमें अगर बल्लेबाज चोटिल हुआ है तो उसकी जगह किसी बल्लेबाज को ही शामिल किया जा सकता है। गेंदबाज के चोटिल होने पर कनकशन सब्स्टीट्यूट कोई गेंदबाज ही होगा।


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मेडिकल टीम या मेडिकल रेप्रेजेंटेटिव ही को लेकर फैसला करेगा। मैच रेफरी इस पर निर्णय लेगा कि इसे मंजूरी दी जा सकती है या नहीं। महिला क्रिकेट के साथ इसे सभी फॉर्मेट में लागू किया गया था।


Concussion Substitute in Cricket- पहली बार कब हुआ था नियम का उपयोग

इस नियम के लागू होते ही एशेज सीरीज (18 अगस्त 2019) में पहली बार इसका उपयोग भी हुआ, जब स्टीव स्मिथ चोटिल होकर बाहर हो गए और उनकी जगह के तौर पर मेरेनस लाबुषाणया को टीम में शामिल किया गया था। स्टीव स्मिथ उस दौरान इंग्लैंड के गेंदबाज जोफ्रा आर्चर की तेज बाउंसर गेंद (148.7kph) पर चोटिल हुए थे।


FAQ


क्रिकेट में कंकशन का विकल्प कौन हो सकता है?

1 नवंबर, 2019 को, वेस्टइंडीज की खिलाड़ी शबिका गजनबी महिला क्रिकेट में पहली कनकशन सब्स्टीट्यूट बनीं, जब उन्होंने चिनेले हेनरी की जगह ली, जो भारत के खिलाफ एकदिवसीय मैच में क्षेत्ररक्षण के दौरान विज्ञापन बोर्ड से टकराने के बाद चोटिल हो गई थीं।


थर्ड अंपायर का क्या काम होता है?

थर्ड अंपायर का फैसला आज के दौर में बहुत महत्वपूर्ण होता जा रहा है. रन आउट, आउट और डीआरएस के बाद से तो इनकी जिम्मेदारी पहले से ज्यादा बढ़ गई है. थर्ड अंपायर की नियुक्ति आईसीसी का एलीट पैनल करता है. अगर कुछ इमरजेंसी की स्थिति बनती है तो थर्ड अंपायर मैदानी अंपायर की भूमिका भी निभा सकता है

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