गेंहू की फसल का भारत में उगाई जाने वाली फसलों में एक प्रमुख स्थान है गेहूँ का प्रयोग मनुष्य अपने जीवनयापन हेतु मुख्यत रोटी के रूप में प्रयोग करते हैं भारत में उत्तर प्रदेश, पंजाब,हरियाणा गेंहू की फसल के मुख्य उत्पादक राज्य हैं इसे रबी की फसल भी कहते हैं
Gehun Ki Kheti:गेहूं की फसल बुवाई का सही समय
गेहूं की बुवाई का पहला चरण 25 अक्टूबर से 10 नवंबर तक होता है. दूसरी चरण 11 नवंबर से 25 नवंबर तक और तीसरा चरण 26 नवंबर से 25 दिसंबर तक रहता है.
gehun ki buvai kab hoti hai
गेहूं की बुवाई का सही समय क्या है?
गेंहू की अगेती बुवाई की बात करें तो इसकी बुवाई अक्टूबर के आखिरी सप्ताह से 15 नवम्बर तक की जाती है इसके लिए तापमान 20 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए। गेहूं की बुवाई के समय मिट्टी में नमी होना बेहद जरूरी है।रोगों से बचाव के लिए बुवाई से पहले बीजों को 2 ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से बावास्टीन और बीटावैक्स से उपचारित जरूर करें।
अक्टूबर-नवंबर महीने में गेहूं की बुवाई शुरू हो जाती है, गेहूं की खेती में सही बीज के चुनाव, खेत की तैयारी से लेकर बुवाई के सही तरीके का अगर किसान ध्यान रखें तो अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। बीज के चयन के बाद सबसे जरूरी काम होता है, बुवाई के सही समय का ध्यान रखना।
कृषि विभाग के मुताबिक फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए उनका सही समय पर बोना आवश्यक है। गेहूं की फसल बोने के लिए 1 से 20 नवंबर तक श्रेष्ठ समय है। हालाकि गेहूं की पछेती किस्मों को 25 दिसंबर तक बोया जा सकता है।
गेहूं की फसल से अधिकतम उत्पादन प्राप्त करने में बुवाई का समय महत्वपूर्ण कारक है। समय से बहुत पहले या बहुत बाद में गेहूं की बुवाई करने से उपज पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। नवम्बर-दिसम्बर के मध्य में बुवाई संपन्न कर लेना चाहिए। गेहूं की अधिक उपज देने वाली किस्मों का चयन अपने क्षेत्र के हिसाब से करना चाहिए
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