India GST Slab Rates 2025: नई टैक्स दरों की पूरी लिस्ट और बदलाव
- Krishna
- Sep 22
- 3 min read
नमस्कार दोस्तों! अगर आप फाइनेंस की दुनिया में रुचि रखते हैं या कोई बिजनेस चलाते हैं, तो जीएसटी (Goods and Services Tax) के बारे में जानना बहुत जरूरी है। आज हम बात करेंगे India GST Slab Rates 2025 की नई स्लैब दरों के बारे में, जो 22 सितंबर 2025 से लागू हो गई हैं। हाल ही में जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में बड़े बदलाव किए गए हैं, जिसमें टैक्स स्लैब को सरल बनाया गया है। अब पुराने 5%, 12%, 18% और 28% स्लैब की जगह मुख्य रूप से 0%, 5%, 18% और 40% स्लैब हैं। यह बदलाव आम आदमी को राहत देने और बिजनेस को आसान बनाने के लिए है।
इस ब्लॉग पोस्ट में हम जीएसटी की नई दरों की लिस्ट, प्रमुख बदलाव और आपके लिए क्या मायने रखता है, सब कुछ विस्तार से बताएंगे।
India GST Slab Rates 2025: Complete List of New Tax Rates and Changes

GST Rates in India 2025: Updated List of Tax Slabs
जीएसटी क्या है और क्यों बदली गईं दरें?
जीएसटी भारत की एकीकृत टैक्स सिस्टम है, जो VAT, एक्साइज ड्यूटी और सर्विस टैक्स जैसी पुरानी टैक्स को रिप्लेस करती है। इसका मकसद टैक्स स्ट्रक्चर को सरल बनाना और अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। 2025 में जीएसटी 2.0 रिफॉर्म्स के तहत स्लैब को तीन मुख्य कैटेगरी में बदला गया:
मेरिट रेट (5%): आवश्यक वस्तुओं के लिए।
स्टैंडर्ड रेट (18%): ज्यादातर गुड्स और सर्विसेज के लिए।
डेमेरिट रेट (40%): लग्जरी और सिन गुड्स (जैसे तंबाकू, एरेटेड ड्रिंक्स) के लिए।
यह बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू हैं, जो प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस भाषण में घोषित किए गए थे। इससे दैनिक जरूरत की चीजें सस्ती होंगी, जबकि लग्जरी आइटम्स पर ज्यादा टैक्स लगेगा।
नई जीएसटी स्लैब दरें 2025: कैटेगरी वाइज लिस्ट
आइए अब नई दरों की डिटेल्ड लिस्ट देखें। हमने इसे सरल टेबल फॉर्मेट में रखा है, ताकि पढ़ना आसान हो। ध्यान दें, जीएसटी काउंसिल समय-समय पर अपडेट करती है, लेकिन ये 22 सितंबर 2025 तक की最新 जानकारी हैं।
0% जीएसटी स्लैब (निल रेट)
ये आवश्यक वस्तुएं हैं जो पूरी तरह टैक्स-फ्री हैं:
दूध, अनाज, सब्जियां और फल।
शिक्षा सेवाएं और किताबें।
स्वास्थ्य बीमा (व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा)।
सैनिटरी नैपकिन, बिंदी, सिंदूर और हथकरघा उत्पाद।
5% जीएसटी स्लैब (मेरिट रेट)
दैनिक जरूरत की चीजों पर कम टैक्स:
खाद्य पदार्थ जैसे चीनी, चाय, कॉफी और मसाले।
कृषि उपकरण, उर्वरक और जीवन रक्षक दवाएं।
जूते (1000 रुपये तक), अगरबत्ती और हस्तनिर्मित वस्तुएं।
परिवहन सेवाएं जैसे इकोनॉमी क्लास फ्लाइट टिकट और रेलवे।
पैकेज्ड फूड, डेयरी उत्पाद और सूखे मेवे।
18% जीएसटी स्लैब (स्टैंडर्ड रेट)
ज्यादातर उत्पाद और सेवाएं यहां आती हैं:
इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन और टीवी (32 इंच से ज्यादा)।
ऑटोमोबाइल्स (छोटी कारें और मोटरसाइकिल ≤350cc)।
कॉस्मेटिक्स, इत्र, घड़ियां और खेलकूद का सामान।
होटल स्टे (2500-5000 रुपये प्रति दिन) और रेस्टोरेंट सेवाएं।
दूरसंचार, आईटी सेवाएं और मूवी टिकट (100 रुपये से ज्यादा)।
40% जीएसटी स्लैब (डेमेरिट रेट)
लग्जरी और हानिकारक उत्पादों पर ज्यादा टैक्स:
तंबाकू, पान मसाला और गुटखा।
कैफीनयुक्त पेय, एरेटेड ड्रिंक्स और कार्बोनेटेड बेवरेजेस।
बड़े मोटर वाहन (मोटरसाइकिल को छोड़कर) और लग्जरी कारें।
5-स्टार होटल सेवाएं, जुआ और कैसिनो।
ये बदलाव पुराने स्लैब से काफी अलग हैं। उदाहरण के लिए, इलेक्ट्रॉनिक्स पर पहले 28% टैक्स था, जो अब 18% हो गया है, इससे कीमतें 8-9% कम हो सकती हैं।
जीएसटी दरों में बदलाव के फायदे और प्रभाव
आम आदमी के लिए राहत: दैनिक चीजें जैसे दूध, दवाएं और शिक्षा टैक्स-फ्री या कम टैक्स वाली हो गई हैं, जिससे महंगाई पर कंट्रोल होगा।
बिजनेस के लिए आसानी: कम स्लैब से कंप्लायंस आसान, रिफंड फास्ट और रजिस्ट्रेशन ऑटोमेटिक।
अर्थव्यवस्था पर असर: इससे कंजम्प्शन बढ़ेगा, MSME को बूस्ट मिलेगा और रेवेन्यू भी बढ़ेगा।
निष्कर्ष: जीएसटी 2.0 का भविष्य
2025 के जीएसटी रिफॉर्म्स से टैक्स सिस्टम ज्यादा पारदर्शी और यूजर-फ्रेंडली हो गया है। अगर आप कोई प्रोडक्ट खरीद रहे हैं या बिजनेस चला रहे हैं, तो इन नई दरों को चेक करें। ज्यादा जानकारी के लिए आधिकारिक GST Portal विजिट करें। क्या आपको कोई स्पेसिफिक आइटम की जीएसटी दर जाननी है? कमेंट में बताएं!