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Krishna

NSA Full Form क्या है और इसे क्यों बनाया गया था?

Updated: Aug 12, 2024

नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) कह लें या राष्ट्रीय सुरक्षा कानून या फिर रासुका एनएसए के तहत ऐसे व्यक्ति को महीनों तक हिरासत में रखने का अधिकार देता है जिससे प्रशासन को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और व्यवस्था के लिए खतरा महसूस हो। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 देश की सुरक्षा के लिए सरकार को अधिक शक्ति देने से जुड़ा एक कानून है।

Nation Security Act (एनएसए) कह लें या राष्ट्रीय सुरक्षा कानून या फिर रासुका एनएसए के तहत ऐसे व्यक्ति को महीनों तक हिरासत में रखने का अधिकार देता है जिससे प्रशासन को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और व्यवस्था के लिए खतरा महसूस हो। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 देश की सुरक्षा के लिए सरकार को अधिक शक्ति देने से जुड़ा एक कानून है। ये कानून सरकार को किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की गिरफ्तारी की शक्ति देता है। सरकार को यदि लगता है कि कोई शख्स देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले कामों को करने से उसे रोक रहा है, तो उस शख्स को गिरफ्तार कर सकती है। इस कानून का इस्तेमाल जिला अधिकारी, पुलिस आयुक्त, राज्य सरकार अपने सीमित दायरे में भी कर सकती है। अगर सरकार को लगे कि कोई व्यक्ति बिना किसी मतलब के देश में रह रहा है और उसे गिरफ्तार किए जाने की जरूरत है तो सरकार उसे भी गिरफ्तार करवा सकती है।


The National Security Act of 1980 is an act of the Indian Parliament promulgated on 23 September 1980 whose purpose is "to provide for preventive detention in certain cases and for matters connected therewith". The act extends to the whole of India. It Contains 18 sections
Nation Security Act

साल 1980 में दोबारा सत्ता में आई इंदिरा गांधी सरकार ने इसे सितंबर 23 को पास करवाया था। बाद में 27 दिसबंर 1980 को ये तत्कालीन राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी की मंजूरी के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून 1980 के रूप में जाना जाने लगा। 3 महीने की गिरफ्तारी कानून के तहत पहले व्यक्ति को तीन महीने के लिए गिरफ्तार किया जाता है। आवश्यकतानुसार 3-3 महीने के लिए गिरफ्तारी की अवधि बढ़ाई जा सकती है। गिरफ्तारी के बाद अधिकारी को राज्य सरकार को बताना पड़ता है कि किस आधार पर गिरफ्तारी की गई है। रासुका या एनएसए के तहत किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक जेल में रखा जा सकता है। हिरासत में लिया गया व्यक्ति सिर्फ हाई कोर्ड के सलाहकार बोर्ड के समक्ष अपील कर सकता है। मुकदमे के दौरान रासुका लगे व्यक्ति को वकील की अनुमति नहीं मिलती।



रासुका में क्या सजा होती है?
रासुका में क्या सजा होती है? हमारे देश में प्रचलित रासुका में संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक जेल में रखा जा सकता है.


रासुका में जमानत कैसे होती है?
इसमें लोगों को जमानत नहीं मिलती। फाइनली एक रासुका बोर्ड होता है, जिसके द्वारा रासुका लगाना कन्फर्म की जाती है। वह नहीं लगाएगा तो रासुका लगाने के बाद भी व्यक्ति छूट जाता है। पहले 3 महीने के लिए गिरफ्तार किया जा सकता है।

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