यूपी गन्ना किसान पर्ची कलेंडर कैसे देखे | Caneup.in
उत्तर प्रदेश योगी सरकार के गन्ना विभाग ने गन्ना किसानों की सुविधा व पारदर्शिता ई गन्ना अप्प EGanna App और Ganna Kisan net Portal शुरू किया है.यूपी गन्ना किसान पर्ची कलेंडर caneup.in या e-ganna app से देखे.upcane.gov.in ganna payment Status2021
Kisan Net: Cane up.in Ganna calendar portal 2020-21
यूपी गन्ना किसान पर्ची कलेंडर व अपने सट्टे से जुड़ी सारी जानकारी caneup.in web portal या e-Ganna App Download करके मोबाइल के जरिए पता कर सकता है। मोबाइल पर किसान पर्चियों के अलावा पिछले सालों के गन्ना सप्लाई की जानकारी भी ले सकते है।इससे किसानों को कोई काम होने पर गन्ना विभाग या शुगर फैक्टरी के चक्कर नहीं काटने होंगे। गन्ना भुगतान 2020-21
Importance of Organic Farming
हमारी जनसँख्या एक अरब पहुँचने में कई सौ हज़ार साल लगे.. और करीब 200 साल में हमारी जनसँख्या 7.5 अरब के पार पहुँच गई. कई scientists की माने तो हमारे पास सिर्फ 2 अरब लोगों के survival के लिए resources available हैं. यानी हमें अपने resources और food production को सावधानी से use करने की जरूरत है ताकि हम अतिरिक्त 5.5 अरब लोगों की आवश्यकताएं पूरी कर सकें.!
लोगों की खान-पान की जरूरतों को पूरा करने के लिए farming के नए-नए तरीके अपनाए गए..ज्यादा उपज के लिए fertilizers और pesticides के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया गया. वहीँ दूध और अन्डो की मांग बढ़ने से पालतू जानवरों को ज्यादा घने shades में रखने की शुरुआत की गई. और जरूरत पड़ने पे उन्हें मांस के लिए बाजार पहुँचाया जाने लगा.!
आज के समय में organic farming दुनिया भर की मात्र 1% agriculture land में की जा रही है. ये sustainable farming method तो है ही साथ ही conventional farming की अपेक्षा ज्यादा environment friendly है.! climate change से निपटने के लिए farming के इस method का इस्तेमाल किया जा रहा है.
लेकिन दुःख की बात ये है कि organic farming climate change का complete solution नहीं है..और इसीलिए इसपे बहस अभी भी जारी है. theoretically, organic farming में chemical fertilizers, herbicides, pesticides या किसी भी तरह के additives का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. इन सबके बजाय किसानों को दूसरे natural alternatives का इस्तेमाल करना चाहिए. !
PM Modi Yojana मोदी सरकार की 10 बड़ी योजना
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(1) मुद्रा योजना: (Mudra )
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(2) जन-धन योजना:(Jan-Dhan )
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(3)आयुष्मान भारत स्कीम:(Ayushman Bharat Scheme)
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(4) उज्जवला योजना:(Ujawala Yojana)
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(5) प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना:(Pradhan Mantri Mandhan )
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(6) 59 मिनट में होम लोन व पर्सनल लोन: PSB Loans in 59 Minutes
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(7) PM किसान योजना:
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(8)सुकन्या समृद्धि योजना:(Sukanya Samraddhi)
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(9) प्रधानमंत्री आवास योजना:(Pradhan Mantri Awas Yojana)
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(10) प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना: (Pradhan Mantri Suraksha Bima ) और पढे
(1) मुद्रा योजना: (Mudra Loan Yojana)
छोटे कारोबार शुरू करने में मदद करने के लिए PM मोदी ने अप्रैल 2015 में मुद्रा लोन योजना (शुरू की थी. इसके तहत किसी भी सरकारी बैंक से 10 लाख रुपये तक का लोन लिया जा सकता है. मुद्रा योजना में तीन तरह के लोन मिलते हैं- शिशु लोन : 50,000 रुपये तक के कर्ज के लिए, किशोर लोन: 50,000 से 5 लाख रुपये तक के कर्ज के लिए, तरुण लोन: 5 लाख से 10 लाख रुपये तक के कर्ज के लिए.
(2) जन-धन योजना:(Jan Dhan Yojana)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में जन-धन योजना(Jan Dhan Yojana) की घोषणा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर की थी. इस योजना का मकसद देश के हर व्यक्ति को बैंकिंग सुविधा से जोड़ना है और इन योजना के तहत करोड़ लोगों को फायदा भी मिला है. बताया जाता है कि आर्थिक जगत के क्षेत्र में ये दुनिया की सबसे बड़ी योजना है. इसने एक सप्ताह में सबसे अधिक 1,80,96,130 बैंक खाते खोलने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया
UP Agriculture:Caneup Ganna Portal
गन्ने का इतिहास
गन्ने का मूल स्थान भारतवर्ष है। पौराणिक कथाओं तथा भारत के प्राचीन ग्रन्थों में गन्ना व इससे तैयार की जाने वाली वस्तुओं का उल्लेख पाया जाता है। विश्व के मध्य पूर्वी देशों सहित अनेक स्थानों में भारत से ही इस उपयोगी पौधे को ले जाया गया। प्राचीन काल से गन्ना भारत में गुड़ तथा राब बनाने के काम आता था।
उन्नीसवीं सदी के प्रारंभ में जावा, हवाई, आस्ट्रेलिया आदि देशों में जब सफ़ेद दानेदार चीनी का उद्योग सफलतापूर्वक चल रहा था, भारतवर्ष में नील का व्यवसाय उन्नति पर था जो जर्मनी में रंग बनाने की नई तकनीक विकसित होने पर मन्द पड़ गया।
इस परिस्थिति का लाभ भारत में चीनी उद्योग की स्थापना को मिला। सन् 1920 में भारत के तत्कालीन गर्वनर जनरल ने चीनी व्यवसाय की उज्जवल भविष्य की कल्पना करते हुए इण्डियन शुगर कमेटी की स्थापना की थी। वर्ष 1930 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की गन्ना उप समिति की सिफारिश पर एक ’ टैरिफ बोर्ड ’ की स्थापना की गयी जिसने भारत सरकार से चीनी उद्योग को आरम्भ में 15 वर्षों के लिये संरक्षण देने की सिफारिश की, फलत: भारत में सन् 1931 में चीनी उद्योग को संरक्षण प्रदान किया गया।
उत्तर प्रदेश में यद्यपि देवरिया के प्रतापपुर नामक स्थान पर 1903 में ही भारत की प्रथम प्राचीनत् चीनी मिल स्थापित हो चुकी थी परन्तु गन्ना क्रय-विक्रय की कोई संस्थापित पद्धति के अभाव में गन्ना किसानों को अनेकों कठिनाईयॉं होती थीं। भारत सरकार द्वारा पारित शुगर केन एक्ट 1934 द्वारा प्रदेशीय सरकारों को किसी क्षेत्र को नियंत्रित करते हुये वैक्यूम पैन चीनी मिलों द्वारा प्रयुक्त होने वाले गन्ने के न्यूनतम मूल्य निर्धारित करने के लिये अधिकृत किया गया।
उत्तर प्रदेश में सन् 1935 में गन्ना विकास विभाग विभाग स्थापित हुआ। सरकार ने गन्ना कृषकों की मदद की दृष्टि से ’ शुगर फैक्ट्रीज़ कन्ट्रोल एक्ट 1938 ’ लागू किया। वर्ष 1953-54 में इसके स्थान पर ’ उ0प्र0 गन्ना पूर्ति एवं खरीद विनियमन अधिनियम 1953 ’ लागू हुआ।
गन्ना पर्ची कलेंडर वैबसाइट फैक्टरी खोजे
गन्ना विभाग की वैबसाइट upcane.gov.in/caneup.in व e-Ganna App के अलावा भी किसान भाई गन्ना कलेंडर पर्ची 2020-21 के आकडे देख पाएंगे ।
चीनी मिल्स की वैबसाइट लिस्ट :
1-www.kisaan.net
2-www.upsugarfed.org
3-www.krishakmitra.com
4-www.dsclsugar.com
5-www.bhlcane.com
6-www.bcmlcane.in
7-www.bcmlcane.com
8-www.bcmlcane.in/kisaansuvidha
9-www.gannakrishak.in
10-kisaansoochna.dwarikesh.com
11-krishakmitra.com
जनपद व चीनी मिल के हिसाब से पूरी लिस्ट देखे
ई-गन्ना एप पर देखें सर्वे का प्रदर्शन, दर्ज करें मोबाइल नंबर
ई-गन्ना एप पर देखें सर्वे का रिकॉर्ड (Ganna Survey 2020-21)
गन्ना विभाग ने किसानों से एप पर मोबाइल नंबर दर्ज करने की अपील की
मोबाइल नंबर दर्ज न होने पर इस बार पर्ची मिलने में आएगी समस्या
गन्ना विभाग ने किसानों द्वारा किए जाने वाले फसल की बुआई के लिए सर्वे पूरा करा लिया है। सर्वे पूरा होने के उपरांत विभाग ने उसका ब्योरा एप पर भी अपलोड करते हुए किसानों से उसे देखने को कहा है। यह भी कहा है कि यदि कहीं से भी कोई समस्या हो तो उसे विभाग से संपर्क कर ठीक करा लिया जाए। एसएमएस पर्ची की व्यवस्था को देखते हुए किसान अपने एप के माध्यम से मोबाइल नंबर भी दर्ज कर दें।
गन्ना विभाग ने हाल में पूरा कराए गए सर्वे के उपरांत उसमें आने वाली किसी प्रकार की समस्या को जानने व उसे ठीक कराने के लिए ई-गन्ना एप के माध्यम से सर्वे का प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। किसानों से कहा गया है कि वे ई-गन्ना एप पर विभाग द्वारा जारी कोड डालकर अपने गन्ने की फसल की बुआई का क्षेत्रफल देख कमी होने की दशा में विभाग को जानकारी दें। यह भी कहा गया है कि इस बार गन्ने की आपूर्ति के लिए एसएमएस पर्ची को ही पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा। ऐसे में सभी किसान एप पर दिए गए विकल्प पर अपने मोबाइल का पंजीकरण सुनिश्चित करें। इसमें लापरवाही न की जाए, क्योंकि वह किसानों को भारी पड़ जाएगी।
Caneup Sugarcane Farmer Portal
How to check UP Ganna parchi calendar 2021?
UP Ganna Kisan parchi calendar 2020-21
किसान सम्मान निधि योजना लिस्ट में अपना नाम कैसे देखें?
गन्ने का पेमेंट कैसे देखें?
यूपी भूलेख नक्शा खसरा खतौनी कैसे देखें?
UP Bhulekh खसरा खतौनी देखने के लिए :