Bharat Rice लॉन्च: अब 29 रुपये प्रति किलो मिलेंगे चावल
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Bharat Rice लॉन्च: अब 29 रुपये प्रति किलो मिलेंगे चावल

Bharat Rice:केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं को बढ़ती खाद्य कीमतों से राहत देने के लिए 6 फरवरी को 29 रुपये प्रति किलोग्राम (किलो) की रियायती दर पर 'भारत चावल' लॉन्च किया। सब्सिडी वाला चावल 5 किलो और 10 किलो के पैक में उपभोग के लिए उपलब्ध होगा।

Bharat Rice: बढ़ती कीमतों से राहत देने के लिए भारत राइस लॉन्च, 29 रुपये प्रति किलो के भाव पर उपलब्ध

Bharat Rice: खाद्य व उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने पांच किलोग्राम और 10 किलोग्राम के पैक में उपलब्ध सब्सिडी वाले चावल की शुरुआत करते हुए कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि दैनिक खाद्य पदार्थ आम लोगों के लिए किफायती दरों पर उपलब्ध हों।

Bharat Rice:बढ़ती कीमतों से राहत देने के लिए भारत राइस लॉन्च

सरकार ने मंगलवार को 29 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर भारत चावल लॉन्च कर दिया है। सरकार की ओर से यह कदम बीते कुछ दिनों में अनाज की कीमतों में 15% की वृद्धि के बाद उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए उठाया गया है।

खाद्य व उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने पांच किलोग्राम और 10 किलोग्राम के पैक में उपलब्ध सब्सिडी वाले चावल की शुरुआत करते हुए कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि दैनिक खाद्य पदार्थ आम लोगों के लिए किफायती दरों पर उपलब्ध हों। गोयल ने कहा, "थोक हस्तक्षेप (कीमतों को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों) से अधिक लोगों को फायदा नहीं हो रहा था, ऐसे में मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत खुदरा हस्तक्षेप की शुरुआत की गई।"


भारत ब्रांड: उच्च मूल्यों से मुक्ति प्रदान करने के लिए भारत राइस लॉन्च! उपभोक्ताओं को बेहतर कीमतों पर खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने का संकल्प, प्रधानमंत्री @NarendraModi जी की सरकार द्वारा किया गया। इस साहसिक कदम के लिए आभारी हैं @PiyushGoyal जी। BharatRice 🌾"




सरकार की कोशिशों से टमाटर और प्याज की कीमतें नीचे आईं, बोले पीयूष गोयल

उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं और गरीबों को राहत देने के लिए 'भारत ब्रांड' के तहत चावल खुदरा कारोबार के तहत 29 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बेचा जाएगा। 'भारत चावल' के प्रत्येक किलो में, 5 प्रतिशत टूटे हुए चावल होंगे। गोयल ने कहा कि सरकार के प्रयासों से टमाटर और प्याज की कीमतों को तेजी से नीचे लाने में मदद मिली है।गोयल ने कहा, 'जब से हमने 'भारत आटा' बेचना शुरू किया है, पिछले छह महीनों में गेहूं के मामले में शून्य रही है। यही प्रभाव हम चावल में देखेंगे।' मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मध्यम वर्ग के लोगों की थाली में जाने वाली वस्तुओं की कीमतें काफी स्थिर हैं।  गोयल ने कहा कि सरकार दैनिक जरूरतों को सस्ती दरों पर मुहैया करने के लिए सक्रिय है। उन्होंने 'भारत राइस' बेचने वाली 100 मोबाइल वैन को भी हरी झंडी दिखाई और पांच लाभार्थियों को 5 किलो के पैक भी वितरित किए।

कहां-कहां और किस कीमत पर उपलब्ध हैं भारत राइस?

साभार: सोशल मीडिया (पीयूष गोयल)भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) पहले चरण में दो सहकारी समितियों - नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नाफेड) और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एनसीसीएफ) के साथ-साथ खुदरा शृंखला केंद्रीय भंडार को 5 लाख टन चावल उपलब्ध कराएगा। ये एजेंसियां आगे 5 किलोग्राम और 10 किलोग्राम के पैक में चावल पैक करेंगी और 'भारत' ब्रांड के तहत अपने आउटलेट्स के माध्यम से खुदरा बिक्री करेंगी। चावल को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी बेचा जाएगा।


सरकार को उम्मीद 'भारत आटा' की तरह 'भारत राइस' को भी अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी

सरकार ने एफसीआई के चावल की खुदरा बिक्री का सहारा लिया है क्योंकि उसे खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के माध्यम से थोक उपयोगकर्ताओं को समान दर पर चावल की बिक्री करने पर उत्साहजनक परिणाम नहीं मिले हैं। सरकार को उम्मीद है कि भारत आटा की तरह 'भारत राइस' को भी अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी। भारत आटा को उन्हीं एजेंसियों के माध्यम से 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम और 'भारत चना' 60 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जा रहा है।


गोयल ने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने 'भारत दाल' और 'भारत आटा' का उपयोग करना शुरू कर दिया है और दोनों ही बहुत स्वादिष्ट हैं। उन्होंने कहा, ''मैंने अब 'भरत राइस' खरीदा है। यह भी अच्छी गुणवत्ता का होगा। भारत राइस के कीमत निर्धारण से जुड़े एक सवाल के जवाब में गोयल ने कहा कि इसका सटीक विश्लेषण किया गया है। यह एक सक्रिय सरकार है।  


2023-24 में निर्यात पर प्रतिबंध और बंपर उत्पादन के बावजूद चावल की खुदरा कीमतें अभी तक नियंत्रण में नहीं हैं। सरकार ने खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं, प्रसंस्करणकर्ताओं और बड़ी खुदरा शृंखलाओं से जमाखोरी रोकने के लिए अपने स्टॉक का खुलासा करने को कहा है। 

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