राज्य परामर्शित मूल्य (SAP): राज्य सरकारों द्वारा गन्ने के मूल्य का निर्धारण कैसे होता है
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राज्य परामर्शित मूल्य (SAP): राज्य सरकारों द्वारा गन्ने के मूल्य का निर्धारण कैसे होता है

राज्य परामर्शित मूल्य (SAP) वह मूल्य है जिस पर राज्य सरकारें गन्ने की खरीद के लिए चीनी मिलों को निर्देशित करती हैं। यह मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से अधिक होता है, जो भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है।

राज्य परामर्शित मूल्य (SAP): गन्ने की खरीद के लिए राज्य सरकारों का मूल्य निर्धारण प्रक्रिया

राज्य परामर्शित मूल्य (SAP) वह मूल्य है जिस पर राज्य सरकारें गन्ने की खरीद के लिए चीनी मिलों को निर्देशित करती हैं। यह मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से अधिक होता है, जो भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है।


SAP की गणना विशेषज्ञों द्वारा की जाती है, जो इनपुट लागत के माध्यम से फसल के संपूर्ण आर्थिक गणना करते हैं और फिर सरकार को सुझाव देते हैं। SAP में आम तौर पर अगेती, सामान्य और अनुपयुक्त प्रजातियों के लिए अलग-अलग मूल्य होते हैं।

SAP का उद्देश्य गन्ना किसानों को उचित लाभ सुनिश्चित करना है। यह चीनी मिलों को भी लाभदायक बनाता है, क्योंकि इससे उन्हें गन्ना खरीदने की लागत कम हो जाती है।


भारत में गन्ना उत्पादन करने वाले प्रमुख राज्यों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु शामिल हैं। इन राज्यों में सरकारें SAP को समय-समय पर बदलाव करती रहती हैं।

उत्तर प्रदेश में, SAP 2023-24 के पेराई सत्र के लिए अगेती प्रजातियों के लिए 370 रुपये प्रति क्विंटल, सामान्य प्रजातियों के लिए 360 रुपये प्रति क्विंटल और अनुपयुक्त प्रजातियों के लिए 355 रुपये प्रति क्विंटल है।

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